मानसरोवर--मुंशी प्रेमचंद जी

270 Part

33 times read

1 Liked

धिक्कार-2 मुंशी प्रेम चंद 7 मुझे यह सुनकर अत्यंत दु:ख हुआ कि गोकुल भैया कहीं चले गये और अब तक उनका पता नहीं है। मैं ही इसका कारण हूँ। यह कलंक ...

Chapter

×